शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

इस राग के संसार में.........................!

प्रिय दोस्तों नमस्ते|

            आने वाले नए वर्ष की ढेर सारी शुबह कामनाए, आप सभी को आने वाला साल ढेर सारी खुशिया दे और आप की सारी इच्छाए पूरी हो मेरी नरायण से यही प्रार्थना है |
मैंने अपने नारायण से इस वर्ष स्वयं के लिये कुछ मग है जो मै आप सब को बताना चाहती हू अगर आप सब को पसंद आया तो मुझे बड़ी ख़ुशी होगी |

                                          धन्न्यबाद |


             इस राग के संसार में.........................!

 इस राग के संसार में फस जाऊ न भगवन .

इतनी कृपा करना न छूटे आप का दामन |
इस राग ........................


                   हे जग के  पालनहार , तुम्ही हो इसके रचनाकार
                  दिल में रहो साकार  ,यही मेरी करुण पुकार  |
   बस आप के चरणों में बीते शेष ये जीवन ....................
  इस राग के............|


                  फस जाऊ न कही  , रखना दया दृष्टी  |
                 तेरे इशारे पर टिकी है ये सरल सृष्टी |
      हिरदय की भक्ति ज्योति जलती ही रहे हरदम....
  इस राग के ......................|



               संसार के स्वामी , सुनलो अंतर्यामी
               हों तेरे अनुगामी , कर दो दया दानी |
          करती हू बारम्बार इस मन पुष्प को अर्पण...........
     इस राग के............................



            न मोक्छ की इच्छा , न लोक की दीक्षा  |
           करती रहू तुम्हरा भजन , दे दो यही भिक्षा |
  इन  चरण कमलो की ही सेवा में रहू मगन |....
इस राग के .........................|




जय श्री हरी .......................................
चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी