प्यारे दोस्तों आप हम सब जानते है की आज धरती माता से हरियाली दूर होती जा रही है और इस बात से सब परेशां भी है पर केवल परेशान होने से कुछ हासिल नहीं होने वाला. यही सोचते-२ मरे मन में कुछ पंक्तिया आई जो मैं सन्देश रूप में आप सब को सुनाना चाहती हूँ .यदि आप को पसंद आई तो मुघे बहुत ख़ुशी होगी ..............
माँ धरती कर रही पुकार
नहीं सुन रहा यह संसार
नहीं कर रहे इसका भान
मिट न जाये धरती की शान .
बंद करो अपनी जयकार ,
और ज़रा सुन लो इक बार .
माँ धरती कर रही पुकार I
अब न रही खुशहाली वैसी ,
कहाँ गयी हरियाली जो थी!
कटते वन व नदी सूखती ,
माँ धरती की ख़ुशी डूबती.
आब तो सोचो तुम इक बार ,
माँ धरती कर रही पुकार .
आओं सब मिल पौधे लगाये ,
धरती पर हरियाली लाये .
धरती की हर लें सब पीर,
मेघ सरश वार्षाएं नीर .
यही प्रार्थना है अब मेरी ,
उठ जाओ न करो देरी,
अब तो कदम बढाओ यार ,
माँ धरती कर रही पुकार.
अब तो सुन ले ये संसार
माँ धरती की करुण पुकार I
1 टिप्पणी:
कोई सुने या ना सुने ....हमने धरती की पुकार सुन ली जो आपकी कलम से ..अच्छे शब्दों की एक माला के रूप में निकली है .....बहुत अच्छा सन्देश ..एक प्रसंशनीय मुहीम
http://athaah.blogspot.com/2010/05/blog-post_4890.html
एक टिप्पणी भेजें