रविवार, 25 जुलाई 2010

जरा सोचो,हमारे देश का पिता कौन ?agar

    आज जब मै ऐसे ही बैठी  सोच रही थी तो मुझे अपने देश के शहीद नवजवानों की याद आने लगी,उन्हों ने जो देश के लिए किया , उनके लिए यह देश उसका आधा भी नहीं कर पाया यह सोच कर बहुत दुःख होता है| सारे त्याग और ताप भगत सिंह,चंद्रशेखर ,विश्मिल ,मंगल,लाला लाजपत राय जी  आदि ने किया और सारा श्रेय एक बूढ़े खूसट  को मिल गया |जिस इन्सान ने त्याग के नाम पर अपनी मूछ का एक बल तक हमारे देश को नहीं दिया,बल्कि अंग्रेजो की गुलामी में अपने देश की आजादी तक को पीछे छोड़ दिया,उस चरित्रहीन इन्सान को इस देश का पिता बना दिया |  यह हमारे देश का दुर्भाग्य  है की हम हर कपटी और नीच इन्सान पर भरोषा कर लेते है और उसे देश की सबसे ऊँची किर्शी पर बैठा देते है ,|
मै सोचती हूँ की कब इस देश के लोग जगेगे और उन्हें इन्सान की सही पहचान होगी,कब हर ब्यक्ति को उसका उचित स्थान मिलेगा | पर यदि यह मेरी सोच है तो शायद  सारा देश या युआ  वर्ग की यही सोच हो ,लोग इस ओर भी ध्यान दे यह देश के लिए उन्नति की बात होगी |
                    मैंने जो कुछ भी लिखा वो किसी को दुःख पहुचाने के लिये नहीं लिखा बल्कि अपनी सोच और इच्छा ब्यक्त की है| जो आप को बता दिया गया है वो ही सही है यह जरूरी नहीं है ,आप खुद ही सोचिये की जो ब्यक्ति अपने जीवन के आधे से अधिक साल विदेश में बिताये हो और देश की आजादी में किसी प्रकार का योगदान नहीं किया ,देश के आजाद होने पार भी जिस के चेहेरे पार ख़ुशी नहीं आई बल्कि वो किसी कोने में अनसन पर बैठ कर बकरी का दूध और फल खा कर उदाशी का ढोंग कर रहा हो वो देश का पिता हो सकता है.| वो क्या इस देश का कोई पिता नहीं बन सकता क्यूँ  की यह देश हमारी माँ है ,इसका पति वो जगत पति है. वो ही हमारा पिता है,जो इश्वर,अल्लाह और भगवन है.|अगर गाँधी इस देश के पिता है तब तो वो बह्ग्वन हो गाये न |एक मामूली सा दब्बू सा इन्सान भगवन से भी ऊँचा हो गया ???????????????????????? जरा सोंचो हमारे देश का पिता कौन ??????????

                                                                    धन्न्यबाद

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