नमोनम: ,आप सभी ब्लोगर जगत के लोगो को मेरी तरफ से 'अध्यापक दिवस' की ढेर सारी शुभकामनायें |
मैंने अपने गुरु के लिये कुछ चार लाइने लिखी हैं जो आप सभी के सामने पेश करना चाहती हूँ कृपया जो भी गलतिया हो उसे माफ करे ,
गुरु चरणों में वंदन है ,शुबह शाम अभिनन्दन है
हे गुरुवार कृपा रखो, यह संसार समंदर है
गुरु .............................
ह्रदय ज्ञान का दीप जलाते ,
ईश्वर से तुम ही मिलवाते,
तुम्हरी कृपा बनी हो सब पर,
तुम्हरी छवि ह्रदय में रख कर ,
करते निशि दिन अर्चन है,
शुबह शाम ...........................
मै दीपक और तुम हो ज्योति ,
तुम न होते मै न होती,
दिल में ज्ञान का दीप जलाया,
अंधियारे को दूर भगाया ,
गुरु ज्ञान का संगम है ,
शुबह शाम ................................
तुम ही मात-पिता व ईश्वर,
तुम में ज्ञान प्रवाह निरंतर,
जग को सही राह दिखलाते ,
भवर नाव को पार लगाते,
करते दुःख का भंजन है ,
शुबह शाम..........................
गुरु चरणों में वंदन है.
धन्यवाद .आप की (ज्योति)
2 टिप्पणियां:
Achhi rachna isme kahin kami nahi, jahan bhaw praably ho usme kamiyan bhi bah jati hai. ek bar fir kahta hun bahut ahi achhi rachna.......
achchhi rachna
badhaiyan
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